कोटा। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) के तहत आवास निर्माण की निगरानी और फील्ड कार्य संभालने वाले कोटा ब्लॉक के आवास मित्र पिछले 11 महीनों से मानदेय प्राप्त नहीं कर पाए हैं। जिले के अन्य तीन ब्लॉकों—मस्तूरी, तखतपुर और बिल्हा—में Payments हो चुके हैं, लेकिन कोटा ब्लॉक के आवास मित्रों को अब तक एक भी महीने की राशि नहीं मिली है। इससे कर्मचारियों में नाराजगी गहराई है तथा आवास निर्माण कार्य बुरी तरह प्रभावित होने लगा है।
राज्य कार्यालय ने भेजी थी 24–24 लाख की राशि, कोटा का भुगतान अटका
सूत्रों के अनुसार, राज्य कार्यालय द्वारा बिलासपुर जिले के चारों ब्लॉकों में PMAY-G मानदेय भुगतान हेतु 24-24 लाख रुपये आवंटित किए गए थे।
लेकिन कोटा ब्लॉक में भुगतान प्रक्रिया पूरी न होने के कारण यह राशि वापस लौट गई, जबकि मस्तूरी, तखतपुर और बिल्हा ब्लॉकों में इसका वितरण हो चुका है।
मानसिक व शारीरिक दबाव में काम कर रहे आवास मित्र
आवास मित्रों का कहना है कि लगातार 11 महीने बिना मानदेय काम करने से वे मानसिक रूप से तनाव और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। कई आवास मित्रों ने बताया कि बिना भुगतान काम करते हुए अब वे शारीरिक व मानसिक रूप से थकान महसूस कर रहे हैं और काम के प्रति उदासीनता बढ़ने लगी है।
आवास निर्माण की रफ्तार पर असर
PMAY-G के फील्ड कार्य जैसे—जियो-टैगिंग, निरीक्षण, लाभार्थियों से समन्वय, प्रगति रिपोर्ट आदि—आवास मित्रों द्वारा संचालित किए जाते हैं। भुगतान रुकने से इन कार्यों की गति प्रभावित हुई है, जिससे कई ग्रामीण आवासों का निर्माण भी धीमा पड़ गया है।
आवास मित्रों की प्रमुख मांगें
आवास मित्रों ने संबंधित अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई कर मानदेय भुगतान सुनिश्चित करने की मांग करते हुए निम्न बिंदु रखे हैं
- कोटा ब्लॉक में पिछले 11 माह से लंबित मानदेय का तुरंत भुगतान किया जाए।
- प्रति आवास ₹1000 की दर से मानदेय प्रदान किया जाए।
- 150 से अधिक आवास कार्य वाले आवास मित्रों की जगह दूसरा आवास मित्र नियुक्त न किया जाए, तथा रोजगार सहायक को आवास संबंधी कार्य न सौंपा जाए।
- राज्य कार्यालय द्वारा कोटा ब्लॉक का भुगतान न होने के कारण वापस की गई राशि पुनः मंजूर की जाए।
- सभी आवास मित्रों के मानदेय भुगतान की लिखित सूची उपलब्ध कराई जाए।
- 150+ आवासों वाले आवास मित्रों को मानदेय किस प्रक्रिया से मिलेगा, इसकी विस्तृत जानकारी जारी की जाए।
तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता
आवास मित्रों ने जिला प्रशासन व राज्य कार्यालय से मांग की है कि
“मानदेय भुगतान में पारदर्शिता लाते हुए लंबित राशि तत्काल जारी की जाए, ताकि PMAY-G के तहत आवास निर्माण कार्य बिना अवरोध जारी रह सके।”
