शासकीय निरंजन केशरवानी महाविद्यालय कोटा में मनाया गया राष्ट्रीय एकता दिवस
कोटा। शासकीय निरंजन केशरवानी महाविद्यालय कोटा में भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं एवं राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवक उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत सरदार पटेल के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि के साथ हुई। तत्पश्चात उपस्थित जनों को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई गई।

महाविद्यालय की प्राचार्य एवं संरक्षक डॉ. बेंजामिन ने सरदार पटेल के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को याद करते हुए कहा कि —
“भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद 562 से अधिक देशी रियासतों का विलय एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य था, किंतु सरदार पटेल की दूरदर्शिता, दृढ़ इच्छाशक्ति और स्पष्ट नीति के कारण ही भारत का राजनीतिक एकीकरण संभव हो सका।”
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की नीति और नेतृत्व ने एक मजबूत और अखंड भारत की नींव रखी।
कार्यक्रम में वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. सपना पवार ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने का उद्देश्य भारतीयों के बीच एकता, अखंडता और भाईचारे की भावना को सुदृढ़ करना है। भारत अनेक भाषाओं, संस्कृतियों और धर्मों का देश है, फिर भी हम सभी एक ध्वज के तले, एक राष्ट्र के रूप में खड़े हैं — यही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है।
इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ए. के. पाण्डेय ने विद्यार्थियों को सरदार पटेल के जीवन और कार्यों का अध्ययन करने तथा उनसे प्रेरणा लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को सरदार पटेल जैसे राष्ट्रनायकों के आदर्शों को अपनाकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी शितेष जैन ने बताया कि गुजरात में स्थित स्टैचू ऑफ यूनिटी विश्व की सबसे ऊँची मूर्ति है, जो सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित है। महाविद्यालय के स्वयंसेवक मोहन वैष्णव को गुजरात में आयोजित राष्ट्रीय एकता शिविर में इस स्मारक का अवलोकन करने और सरदार पटेल के जीवन दर्शन को निकट से जानने का अवसर प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम का संचालन राजनीतिशास्त्र विभाग के डॉ. जे. के. द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक, अधिकारी, कर्मचारी, विद्यार्थी एवं एनएसएस स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
